shiv chalisa in hindi Fundamentals Explained
shiv chalisa in hindi Fundamentals Explained
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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक shiv chalisa lyricsl पार न पाय॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - Shiv chaisa भजन
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥